नौतन।
नौतन प्रखंड क्षेत्र में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया । बता दें कि श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर प्रखंड क्षेत्र के लगभग सभी मंदिरों को बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया गया था तथा उसमें भजन कीर्तन के साथ-साथ झूला आदि का भी प्रबंध किया गया था। कुछ जगहों पर अष्टयाम आदि कराया गया, तो कुछ जगहों पर सुंदर झाँकियां सजाई गई थी। कुछ मिलाकर दिन भर भक्तिमय माहौल बना रहा। भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाने वाले भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कंस के वध के लिए हुआ था, जो भगवान श्रीकृष्ण के मामा थे। आकाशवाणी में अपनी बहन के आठवीं संतान द्वारा अपने वध की भविष्यवाणी सुनने के बाद कंस ने अपनी बहन देवकी और उनके पति वासुदेव को बंदीगृह में डलवा दिया था। लेकिन आठवीं संतान के रुप में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होते ही बंदीगृह स्वतः खुल गया और वासुदेव ने श्रीकृष्ण को अपने चचेरे भाई के यहाँ पहुंचा दिया, जहाँ माता यशोदा और नंद बाबा द्वारा उनका पालन-पोषण हुआ। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया। भगवान श्रीकृष्ण ने मानव जीवन को श्रेयस्कर बनाने हेतु गीता में उपदेश दिया है, जो मानव जीवन का सबसे बड़ा मार्गदर्शक है। उनके जन्मोत्सव पर सभी जगहों पर विभिन्न तरह के आयोजन किये जाते हैं। ऐसे ही उत्साह के साथ स्थानीय प्रखंड क्षेत्र में भी जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया गया।
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