छपरा : बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार, शिक्षा विभाग का अजीबोगरीब पत्र से जिले के शिक्षकों ने नाराजगी जताई है। पत्र में शिक्षकों  को यह आदेश दिया गया है कि शराब पीने वाले और उसकी आपूर्ति करने वाले लोगों की पहचान शिक्षक करेंगे और उसकी सूचना मध निषेध विभाग को देंगे । इस तुगलकी फरमान के विरोध में सारण जिला के शिक्षकों ने विरोध जताया। शिक्षकों का कहना है कि यह एक तुगलकी फरमान है जिसमें सरकार जानबूझकर शिक्षकों को मौत के मुंह में धकेलना चाहती है ।जहां पूरे बिहार के पुलिस शराबियों और शराब बेचने वाले की पहचान नहीं कर पाई ,वहां राष्ट्र निर्माता जो कलम के सिपाही हैं इसकी पहचान कैसे कर पाएंगे ।यदि करते हैं तो शराब माफियाओं के द्वारा उनकी जान माल का खतरा उत्पन्न हो जाएगा। राष्ट्र निर्माता शिक्षा दान करते हैं ना कि शराबियों की पहचान करने का काम। शिक्षकों का कहना है कि यह पत्र उनके मान-सम्मान के खिलाफ है। सारण जिला के शिक्षकों ने सरकार के इस पत्र की प्रति को नगरपालिका चौक पर जलाए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की । सरकार के इस पत्र को जलाने के लिए सारण जिला के शिक्षक नेता रविंदर सिंह, सुरेंद्र सिंह,  विश्वजीत चंदेल, कमलेश सिंह, संजय सिंह ,मनोहर कुमार, अरविंद ठाकुर ,आलोक कुमार, उपेंद्र राय, गुड्डू जी, श्याम बिहारी यादव, मनोज सिंह, राजेश मास्टर ,सच्चिदानंद चौधरी ,दिनेश राय, मोहम्मद अकबर, हरि बाबा, संजीत सिंह ,सुजीत कुमार, काशीनाथ, जितेंद्र चौधरी, हरेंद्र सिंह मंटू सिंह, दिलीप कुमार एवं अन्य शामिल थे।