सोनपुर---हरिहरक्षेत्र के प्रसिद्ध श्री गजेन्द्रमोक्ष देवस्थानम् नौलखा मन्दिर में छः दिनों से चल रहा 23वें श्री ब्रह्मोत्सव सह लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के अन्तिम दिन बुधवार को पूर्णाहुति में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।पिछले छः दिनों से चले आ रहे यज्ञ का समापन भगवान श्रीगजेन्द्रमोक्ष के नारायणी नदी में अवभृत-स्नान के बाद सैकड़ों श्रद्धालुओं के जयघोष से शान्ति पूर्वक हो गया। यज्ञ महोत्सव में आये आचार्य,संतों की टोली, श्रद्धालुओं को भाव विभोड़ करनेवाले भजन गायकों, पंडितजी सभी की विदाई सम्मान के साथ की गई। इस अवसर पर पं तेज नारायण झा का वैकुण्ठोत्सव भी वैदिक विधि से सम्पन्न हुआ। दिन के 12बजे से सायं 4 बजे तक विशाल भण्डारा का करीब दस हजार श्रद्धालु महाप्रसाद ग्रहण किए। उपस्थिति समस्त श्रद्धालुओं को सम्बन्धित करते हुए स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी ने कहा कि पूर्णाहुति से हीं सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। अन्त भला तो सब भला। पूर्णाहुति का दर्शन करने से सम्पूर्ण यज्ञ का फल मिल जाते हैं। यज्ञान्त प्रसाद में अमृत का वास होता है। प्रसाद का कण और सत्संग का क्षण दुर्लभ है।बीती रात विवाह महोत्सव के अवसर पर श्री स्वामी लक्ष्मणाचार्य जी ने गाँव के लोगों को धन्यवाद देते हुए कार्यकारिणी के सदस्यों के परिश्रम के लिए व समाज सेवी लालबाबू पटेल को मीडिया प्रभार के कार्यों से खुश होकर माला पहनाकर सम्मानित किया। सभी दान दाताओं और श्री संतोष सिंह द्वारा भगवान को सोने का चेन भेंट करने के लिए साधुवाद दिया। इस अवसर पर उद्धवप्रपन्नाचार्य स्वामी, श्यामनारायणाचार्य, राजगोपालाचारी, गोविन्दाचार्य, दिलीप झा, मदनजीत सिंह, सुधांशु सिंह, रमाकांत सिंह, समाजसेवी लालबाबू पटेल,दिलीप सिंह, सनातन झा यज्ञ का कमान सँभाल हुए थे।
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