विना विवाह धर्म की सृष्टि की कल्पना नही की जा सकती, एक पुत्र या एक पुत्री होने के बाद पत्नी पूज्यनीयाबन हो जाती---जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य
सोनपुर--- हरिहर क्षेत्र के पावन भूमि पर स्थित श्री गजेंद्र मोक्ष देवस्थान में चल रहे श्रीब्रह्मोत्सव सह श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ कै पाँचवे दिन पुष्य नक्षत्र मे भगवान श्रीगजेन्द्रमोक्ष के जन्मदिवस के अवसर पर 108 कलशोँ से दिव्य औषधियों से पँचामृत से महाभिषेक कराया गया जिसमे हजारों भक्तोँ ने भाग लिया। स्नान के सभी विग्रहोँ का नवीन शिल्क पीताम्वरी पहनाकर दिव्य श्रृगांर किया गया। इस अवसर पर सायँ 6 बजे से 9 बजे रात्रि तक बडे धूमधाम से विवाह महोत्सब का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। दाक्षिणात्य पद्धति से भगवान का श्रीबालाजी एवँ महारानी पद्मावती का जयमाल हुआ। इस अवसर पर महिलायें मँगल गीत गाई। सम्पूर्ण वातावरण विवाह मय हो गया था। हल्दी चढाने का काम एवँ तिलक का भी कार्यक्रम हुआ। कन्यादान दिलीप झा फूल देवी रतनकुमार कर्ण सुधाँशु सिह शारदा देवी ने किया। इस अवसर पर विवाह मँच से समस्त भक्तोँ को सम्बोधित करते हुए पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी लक्ष्मणाचार्य ने मंगलवार को कहा कि यह विवाद महोत्सव तेईस बर्षों से मनाया जा रहा है। विवाह एक सँस्कृति है सँस्कार है। सोलह सँस्कारोँ मे विवाह प्रमुख है।पत्नी रथ है तो पति रथी। दोनोँ का अन्योन्याश्रय सम्वन्ध है। विवाह सृष्टि का प्रमुख कारण है।विना विवाह धर्म की सृष्टि की कल्पना नही की जा सकती है। एक पुत्र या एक पुत्री होने के बाद पत्नी पूज्यनीयाबन हो जाती है, पत्नी को कभी एकवचन का प्रयोग नही करना चाहिए। भगवान माता पद्मावती से गन्धर्व विवाह करते है। इस अवसर पर डा0 अल्पना मिश्रा जगद्गुरु उद्धवप्रपन्नाचार्य स्वामी स्वामी श्यामनारायणाचार्य स्वामी जगद्गुरु सुन्दरराज स्वामी पँ कुशेश्वर चौधरी का दिव्य प्रवचन हुआ। वहीं सोमवार के दिन गजेंद्र मोक्ष देवस्थानम परिसर से विधिवत मंत्रोच्चार के साथ भगवान बालाजी की प्रतिमा एक सजे हुए रथ पर रखकर यह यात्रा निकाली गई थी। आचार्यों के मंत्रोचार एवं शंख ध्वनि के साथ पुष्प वर्षा की गई और इसी के साथ संतो के नेतृत्व में देवस्थानम से रथ यात्रा शुरू हुई। जो हरिहरनाथ मंदिर होते हुए गजग्राह चौक ,पुरानी गंडक पुल होते हुए हाजीपुर नगर के विभिन्न मार्गो से गुजरी । यह रथयात्रा स्वामी लक्ष्मणाचार्य महाराज के नेतृत्व में सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने भाग लेकर नारायण हरि हरि के धुन गाते हुए आगे बढ़ते रहे । अंत में हाजीपुर से नौलखा मंदिर पुनः यज्ञ स्थल पर पहुंचा। इस महोत्सव में यज्ञ समिति के अध्यक्ष सहित कार्यकारिणी के सदस्य रामाकांत सिंह, समाजसेवी लालबाबू पटेल,नरेशु सिंह, धनंजय सिंह, संतोष सिंह, वरुण सिंह, दिलीप सिंह, आदि श्रद्धालुओं ने यज्ञ के कार्यों में तन मन से सहयोग में लगे रहे। अन्त मे स्वामी जी ने आये हुए एवँ महायज्ञ मे सहयोग करने वाले समस्त भक्तोँ को धन्यवाद दिया।
0 Comments