
आज तक ऐसा एक भी सांसद ,विधायक, एमएलसी,मंत्री नहीं हुआ जो सोनपुर को जिला का दर्जा दिलाने का आवाज़ उठाये
सोनपुर---उत्तर बिहार का सर्वाधिक लोकप्रिय धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक एवं पर्यटक दृष्टिकोण से संपन्न हरिहर क्षेत्र सोनपुर की पावन भूमि जिला का दर्जा पाने के लिए आजादी के बाद से तरस रहा है । जातीय उन्माद की विषवृक्ष की उपज करने वाला इस क्षेत्र से आज तक ऐसा एक भी सांसद ,विधायक, एमएलसी,मंत्री नहीं हुआ जो हरिहर क्षेत्र सोनपुर को जिला का दर्जा दिलाने के लिए आवाज बुलंद किया हो ।
इस क्षेत्र से जुड़े लालू प्रसाद, श्रीमती राबड़ी देवी ,स्वर्गीय राम सुंदर दास बिहार के मुख्यमंत्री बने ,स्वर्गीय राम जयपाल सिंह यादव उप मुख्यमंत्री बने ,यहां के सांसद राजीव प्रताप रूडी केंद्र में कई बार मंत्री बने । इन लोगों की कभी भी इच्छा शक्ति सोनपुर को जिला का दर्जा दिलाने के लिए नहीं पनपा । हालांकि यह क्षेत्र हर दृष्टिकोण से जिला रूपी आभूषण वरण करने योग्य रहा है । वर्तमान में यह क्षेत्र सारण जिले का अंग है। मुख्यालय यहां से लगभग 55 किलोमीटर पश्चिम छपरा शहर में अवस्थित है जहां "न्याय "बैठा है । 1 अप्रैल 1991 से सोनपुर अनुमंडल काम कर रहा है । प्रशासनिक स्तर पर यहां अनुमंडलीय मुख्यालय ,प्रखंड सह अंचल कार्यालय ,अनुमंडलीय चिकित्सालय ,निबंधन कार्यालय, विधुत कार्यालय,कृषि कार्यालय,अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय, पशु चिकित्सालय, नगर पंचायत सहित अन्य कार्यालय के साथ-साथ दर्जन अधिक उच्च विद्यालय ,आधे दर्जन से अधिक महाविद्यालय, सीडीपीओ कार्यालय ,राष्ट्रीय कृत बैंक ,विश्व में द्वितीय स्थान रखने वाला लंबा प्लेटफॉर्म सोनपुर, शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय,एएनएम प्रशिक्षण केंद्र , ब्रिटिश कालीन डाकबंगला एवं मैदान, विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र पशु मेला, बाबा हरिहरनाथ मंदिर, सूर्य व शनिदेव मंदिर,दक्षिणेश्वरी काली मंदिर,गजेन्द्रमोक्ष देवस्थान, रेल मंडल मुख्यालय, रेलवे अस्पताल, उत्तर और दक्षिण बिहार के जोड़ने वाला दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल जब कि वैशाली जिले व सारण जिले के जोड़ने वाली सोनपुर नारायणी नदी में 5 पुल रेल व सड़क पुल है । हरिहर नाथ मंदिर सहित दर्जनाधिक प्रसिद्ध मठ मंदिर सहित यहां और भी बहुत कुछ है जो राज्य के अन्य जिलों में नहीं है । सोनपुर का दक्षिण भाग राज्य की राजधानी पटना से स्पर्श करती है तो पूर्वी सीमा वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर को टच करता है ।
स्मरणीय यह है कि प्रतिवर्ष सोनपुर में ख्याति प्राप्त हरिहर क्षेत्र ( छत्तर मेला) लगता है । इस अवधि में न केवल जिला बल्कि सारण प्रमंडलीय कार्यालयो का भी सरकारी काम एक माह तक यही से होता है। कमिश्नर, कलक्टर ,डीआईजी, एसपी सहित कई विभाग का यहां शिविर एवं प्रदर्शनी लगता है। अनुमानतः प्रति वर्ष मेले की व्यवस्था पर करोड़ो रुपए खर्च आते हैं जबकि जिला बन जाने पर इस खर्च में भारी कमी आ सकती है । सोनपुर जिला बन जाने के बाद मेले के अवसर पर सुविधा तो बढ़ेगी ही रोजगार का अवसर भी प्राप्त होंगे । सोनपुर में जिला मुख्यालय के लिए पर्याप्त जगह और कई सरकारी भवन भी उपलब्ध है । यहां जिला मुख्यालय के लिए सरकार को जमीन भी कोई खास खरीद नहीं करनी पड़ेगी । जिला बनने से देश विदेश के पर्यटकों को यहां के पौराणिक, ऐतिहासिक स्थलों की ओर आकर्षित होने का मार्ग प्रशस्त होगा । सोनपुर में ख्याति प्राप्त मठ मंदिरों का जखीरा है । सोनपुर अगर जिला बनता है तो वह सीधे तौर पर राजधानी पटना की तरफ विकास कार्यों में जुड़ जाएगा तथा हर प्रशासनिक सुविधाएं जब सोनपुर को प्राप्त होने लगेगी तो उसका लाभ अन्य प्रखंडों को भी स्वभावतः प्राप्त होगा ही ।
मालूम हो कि 6 नवंबर को मेला का उद्घाटन होना तय है। इस अवसर पर मंच से बोलने वाले गला फार- फार कर सोनपुर का गुणगान करेंगे। तालियों से उनका स्वागत भी किया जाएगा । लेकिन 32 वां दिन जब मेला समाप्त होगा तो फिर साल भर तक कोई इधर झांकने तक नहीं आवेगा । यह प्रायः हर साल होता है ।
हरिहर क्षेत्र जिला बनाओ संघर्ष समिति सोनपुर के लोगों ने अपनी मांग की पूर्ति के लिए मेला उद्घाटन के अवसर पर यहां पहुंचे मुख्य अतिथि को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया है ।
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