। रसूलपुर/सारण। रसूलपुर थाना क्षेत्र के माधोपुर गाँव में सात दिवसीय रामकथा का आयोजन परशुराम राय ऊर्फ किरानी बाबु के दरवाजे पर किया गया। रामकथा कहने वाले आचार्य परमेश्वर झा ने बताया की रामकथा सुनने से व्यक्ति का शारीरिक शुद्धिकरण होता है, साथ ही जो राम कथा का श्रवण करेगा उसे उतना ही लाभ प्राप्त होता है।श्रीराम कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि श्रीराम कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। कथा सुनने मात्र से ही प्रभु की कृपा मिलती है।इसके साथ ही आचार्य जी ने कहा कि जहां भगवान श्रीराम की कृपा होती है, उसी जगह रामकथा संभव हो पाती है। राम की कृपा वहीं होती है, जहां उनके भक्त रहते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम की नित्य भक्ति से मन और आत्मा का निर्मल विकास होना अवश्य भावी है। भगवान से विमुख होने पर संसार में कही पर भी जगह नही मिलती है, जबकि भगवान के समक्ष होने पर शत्रु भी अपने हो जाते है। अगर किसी समय में हम भगवान के सम्मुख नहीं हो पाते हैं, तो ऐसे में केवल संत ही कल्याण कर सकता है। संत की एक नजर पड़ने पर कल्याण हो जाता है। उन्होंने कहा कि राम सीता ने 99 रास लीलाओं की रचना की है। चित्रकूट भगवान राम की दिव्य रामस्थली है। भगवान राम ने 12 वर्ष चित्रकूट में व्यतीत किए। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि सभी प्रकार की साधना का फल ईश्वर का दर्शन है जबकि ईश्वर का फल संत का दर्शन है। जीवन में संत के दर्शन होने पर भगवान की कृपा होने लगती है। उन्होंने कहा कि अगर स्त्री सच्चे मन से पतिव्रता हो तो भगवान भी उसके आगे झुक जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह जीवन प्रभु चरणों की सेवा के लिए ही मनुष्य को मिला है, लेकिन हम लोभ और लालच के चक्कर में फंसकर यह जीवन व्यर्थ ही गवां देते हैं। इस कथा में प्रत्येक दिन सैकड़ो श्रद्धालु कथा सुनने आते है। इस आयोजन में मुख्य रूप से साथ देने वाले राजेश सिंह ने बताये की ये कथा करीब बारह वर्षो से होती आ रही है और आगे भी होती रहेगी। इस कथा से गाँव,समाज का कल्याण होता रहेगा।इस कथा में राहुल, सुदामा राय,सावलिया राय, कुंदन बाबु,राजन,राजा, शिक्षक रविशंकर राय के साथ कई अन्य लोग उपस्थित रहते है।