ां सोनपुर - -विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले को आकर्षित करने व मेले को आगे बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित सरकार करती है । जिससे मेलों में आने वाले की संख्या बढ़े लेकिन कभी भी सरकार उन गरीबों ,असहाय, पीड़ितों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाती है कि उनकी आर्थिक स्थिति कैसे बढ़े, कैसे बिहार में बेरोजगारी ,भ्रष्टाचार ,अपराध एवं शिक्षा आगे बढ़े इस पर चिंतन और मंथन से ज्यादा कागज पर विकास दिखाकर अपनी वाहवाही लूटने में आगे रहती है । गरीबों के बच्चों पर कभी सरकार ध्यान केंद्रित नहीं करती हैं जो कम उम्र में बच्चे सब्जियां बेचते, खेल तमाशे करते हैं , चाय एवं अन्य दुकानों में कार्य करते । इनके पीछे क्या मजबूरी है यह भी सोचने और समझने के लिए सरकार के पास समय नहीं होगा तभी तो बिहार विकसित राज्य आजादी के 75 वर्ष बीत गए अभी तक विकसित राज्य हो ही रही है कभी विकासशील राज्य हो इस पर सरकार को मंथन करने की जरूरत है । यह नजारा उस वक्त देखने को मिला जब 5 वर्ष की बच्ची मेले में अपने रस्सी पर अपनी जिंदगी की परवाह किए हुए अपने व अपने परिवार के भरण-पोषण करने के लिए भी करतब दिखाते हैं । बच्चे सब्जियां बेचते है ,चाय व अन्य दुकानों में कार्य करते है जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है । विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में अलग-अलग स्थानों पर तंबू गाड़ कर अपने हैरतअंगेज कारनामे से 5 साल की बच्ची दर्शकों को मन मोह रही है वही मेला घूमने आने वाले दर्शक कोई 5 कोई 10 रुपये देकर उस बच्ची के खेल तमाशा देखते हैं लेकिन वह बच्ची या दुकानों में कार्य करने वाले बच्चे वे शौक से नही करते बल्कि जो बच्ची इस उम्र में खेलने- कूदने स्कूल जाकर शिक्षा ग्रहण करने की जरूरत है वह बच्ची गरीबी की मार और अपने पापी पेट की भूख मिटाने के लिए यह जान जोखिम में डालकर करतब दिखाती चलती है । इसे मजबूरी कहे या विरासत में मिली अपनी परंपरा का निर्वहन कहे या बिहार के लचर विधिव्यवस्था कहे । यही कारण है कि कम उम्र में ही पेट पालने तथा परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी अपने नाजुक कंधों पर लेकर शहर दर शहर घूम --घूम कर करतब दिखाते फिरते या होटलों में कार्य करते या सब्जियां बेचते हैं । इन सारी समस्याओं को सरकार कब देखेगी ,कब सुनेगी और कब समझेगी । यह समय ही बताएगा । बिहार सरकार कहती है कि बढ़ता बिहार लेकिन जिस तरह से बिहार को विकसित करनी चाहिए उतनी त्रिव गति से बिहार नही बढ़ रही है ।