
सिसवन सिवान।गुरु और शिष्य के अति पवित्र संबंध का नाम ही जीव आत्मा से परमात्मा का मिलन है गुरु पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर सिसवन के ग्यासपुर में साहिब दरबार के पीठाधिपति पूज्य सरकार जी द्वारा उक्त विचारों को रखा गया उन्होंने बताया कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु पूजन के माध्यम से जीव परमात्मा का पूजन करता है गुरु पूर्णिमा वह तिथि है की बिहार के पावन भूमि पर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था इसलिए भी बुद्ध पूर्णिमा मनाते हैं गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर संपूर्ण संसार को अँधेरी रात मे भी प्रकाशदेता है
उसी प्रकार गुरु पूर्णिमा के दिन सदगुरुदेव भगवान संपूर्ण शिष्यों को ज्ञान के प्रकाश से दिव्य चेतना प्रदान करते हैं
भवसागर से मुक्ति प्राप्ति के लिए गुरु का पूजन कर गुरु चरणों में अनुराग रखते हुए पूज्य गुरुदेव भगवान के दिव्य स्वरूप का ध्यान करते हुए उनके मुखारविंद से निकले प्रत्येक वाक्यों का पालन करते हुए उनके द्वारा प्रदत्त मंत्र को जपते हुए जीव परब्रह्म की प्राप्ति कर लेता है जीवन में शिक्षा गुरु और दीक्षा गुरु दोनों का अति महत्व है शिक्षा गुरु जीव के जीवन में शिक्षा देता है तथा दीक्षा गुरु जीव के अंतर हृदय पटल से अंधकार को हटाकर परब्रह्म का साक्षात्कार करा देता है इसलिए संपूर्ण शास्त्रों में एकनिष्ठ गुरु भक्ति की बातें कहीं गई है
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