युगबोध ने समाजसेवी लालबाबू पटेल को अंगवस्त्र से किया सम्मानित सोनपुर। श्रावण मास में पड़नेवाले सभी सोमवारी व्रत शिवजी को परम प्रिय है।अगर श्रावण माह में अधिक मास पुरुषोत्तम मास हो तो भक्तों पर हरि और हर दोनों की कृपा एक साथ बरसती है।श्रावण शिव (हर) का तो पुरुषोत्तम मास विष्णु (हरि) के नाम से प्रसिद्ध है।और भाग्य से इस बार यह माह सावन में पड़ रहा है।इसीलिए धर्मग्रंथों में श्रावण माह की सोमवारी और उसके व्रत को भगवान शिव की कृपा प्राप्ति का द्वार बताया गया है। यहां रजिस्ट्री बाजार, सोनपुर के दुर्गा स्थान परिसर में रविवार को चर्चित साहित्यिक संस्था "युग बोध"के तत्वावधान में आयोजित"शिव की महिमा एवं कवि गोष्ठी"में साहित्यकार विश्वनाथ सिंह ने उपरोक्त बातें कहीं।उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की रचना "भारत जमीन का टुकड़ा नहीं,जीता-जागता राष्ट्र पुरुष है।हिमालय इसका मस्तक है, गौरीशंकर शिखा है"का भी पाठ किया।समारोह की अध्यक्षता वरीय साहित्यकार सुरेन्द्र मानपुरी कर रहे थे जबकि संचालन कर रहे साहित्यकार अवध किशोर शर्मा ने सर्वप्रथम विषय प्रवेश कराया।इस मौके पर समाजसेवी राजू सिंह द्वारा युगबोध की ओर से धर्म के प्रति जागरूक युवा समाजसेवी लालबाबू पटेल को अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया। हरिहरनाथ मंदिर न्यास समिति के सदस्य कृष्णा प्रसाद ने युग बोध को संबोधित करते हुए प्रथम सोमवारी के अवसर पर बाबा हरिहरनाथ मंदिर में भक्तों को सुविधा पहुंचाने के लिए मंदिर न्यास समिति द्वारा की गई व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी दी।उन्होंने कहा कि बाबा हरिहरनाथ मंदिर सज-धज कर तैयार है।उन्होंने गंगा मैया की पवित्रता अक्षुण्ण रखने के श्रद्धालुओं से निवेदन करते हुए काव्य पाठ भी किया।इस मौके पर आध्यात्मिक चिंतक व अधिवक्ता पारसनाथ सिंह ने श्रावण माह एवं भगवान शिव की महिमा का गान करते हुए कहा कि भगवान शिव सभी जन के लिए सर्वाधिक सुलभ देव हैं।वे भक्तों का कल्याण करने में अग्रणी हैं।यही कारण है कि वे जन-जन के देव महादेव हैं। साहित्य चिंतक अभय कुमार सिंह अधिवक्ता ने कहा कि भगवान शिव औघरदानी है।सच्चे हृदय से उनकी शरण गहने वाले भक्तों को इस भवसागर में भी कोई कष्ट नहीं पहुंचता । आशु कवि एवं अधिवक्ता लक्ष्मण कुमार प्रसाद ने अपनी कविताओं से युगबोध के इस कवि सम्मेलन में चार चांद लगा दिया।उन्होंने अपनी रचना"सोनपुर में का बा,सावन के बहार बा"और"सावन आइल बहार लाइल,चले के बाबा दरबार हो"से श्रावण माहात्म्य और शिव चर्चा की विराटता का वर्णन किया। श्रावण मास में आशुतोष भगवान शंकर की पूजा का विशेष महत्व है। युगबोध व्यवस्थापक राजू सिंह ने कहा कि सोमवार भगवान शंकर का प्रिय दिन है। सोमवार को शिवाराधना करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।इसीलिए उन्हें आशुतोष भी कहा जाता हैं। आशुतोष का अर्थ होता है तुरंत खुश या प्रसन्न होने वाले या तत्काल तुष्ट होने वाले देवता ।धर्म के प्रति समर्पित समाजसेवी लालबाबू पटेल ने कहा कि मासों में श्रावण मास भगवान शंकर को विशेष प्रिय है। और इस मास में भी सोमवार उन्हें अधिक प्रिय है।गोष्ठी में पहुंचे हरिहरक्षेत्र जागरण मंच के अनिल कुमार सिंह, अमरनाथ तिवारी, आदित्य कुमार, नरेशु सिंह, मदन सिंह आदि का युगबोध ने स्वागत किया।अंत में धन्यवाद ज्ञापन अमरनाथ तिवारी ने किया।